

Books को रखे साथ और मोबाइल फ़ोन को रखे दूर। क्यों मोबाइल फ़ोन से ज्यादा हो रहा है बच्चों में आटिज्म? आज के समय में Autism इतना बढ़ गया है जिसका इलाज सिर्फ Therapy से ही किया जा सकता हैं। जिन बच्चो को आटिज्म होता है उन्हें बोलने और समझने में दिक्कत होती हैं। HOPE THERAPY CENTER GALLERY( HOPE THERAPY CENTRE LUDHIANA ) में प्रैक्टिकल Practical sessions के साथ बच्चे को बोलने, समझने और व्यव्हार behavior से सम्बन्धित जो परेशानी होती है उसे ठीक किया जाता है। बच्चे को बिगाडने वाले माँ-पिता ही होते हैं। माँ-पिता को बच्चे के साथ समय निकलने की बजाय फ़ोन पकड़ा देते है ताकि बच्चा उन्हें परेशान न करे। पर ऐसा करने की बजाय आप बच्चे को बुक्स दे सकती है और एक टारगेट लक्ष्य तय कर सकती है की ये बुक पढ़ने के बाद आप उनके लिए कोई favorite खाने की चीज़ बना सकती है या घूमने लेके जा सकते हैं। । Mobile phone का असर सबसे ज्यादा दिमाग पर होता है। बच्चों के दिमाग की नसें वैसे हे कोमल होती है और जैसा वो मोबाइल फोन पर देखंगे वो वैसा हे अपनी जिंदगी में अपनाते जायँगे और कल्पना की दुनिया में रहेंगे। हम सभी जानते है की मोबाइल फ़ोन में ज्यादातर जो content पड़ते है या देखते है वो अक्सर काल्पनिक imaginary ही होता है और अगर बच्चे ये सब देखंगे तो इसका सही असर नहीं होगा। तो बेहतर ये होगा की बच्चों को फ़ोन की लत्त लगाने की बजाय किताबे पढ़ना सिखाये। कैसे बुक्स पढ़ना सिखाये ? 1. सबसे पहले तो बच्चों के मन में रुचि जगाये की ये बुक में interesting या knowledge हैं। 2. अगर आपका बच्चा ज्यादा छोटा है तो खुद भी interesting बुक्स पड़े और उसे पढ़ के सुनाये। 3. आजकल बच्चों के लिए attracting बुक्स मिलती है या comic बुक्स भी मिलती हैं। 4. अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है तो उसके लिए छोटे-छोटी stories book लाये। 5. बच्चे के लिए एक लक्ष्य target तय रखे की बुक book पूरी पढ़ने के बाद कुछ मनपसंद चीज़ मिलेगी। 6. भगवान की बुक्स भावनातमक सोच emotional health के लिए बहुत अच्छी होती है। 7. बच्चों के सामने मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल कम करे और कोई ऐसा काम करे जिस से बच्चे देख के सीखे। 8. शब्द बोलना सीख जाता है और बोलने की समस्या दूर हो जाती हैं। 9. जो बच्चा शब्द देखेगा और पढ़ेगा वही उसके दिमाग में जायेगा जिस वजह से बच्चा पढ़ाई में ठीक रहता हैं।
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