

What not to do, When a child is diagnosed with Autism? अगर आप का बच्चा ऑटिस्म diagnosed होता है, तो सबसे पहले तो आओ घबराए मत और एक बात आपने मन में बैठा ले के यह एक long term treatment है, जिस में के बच्चे के behavior और improvement में ups and downs आते रहेंगे। आप किसी भी तरह का shortcut मत ले, जैसे के stem cells , allopathy or homeopathy medicines आदि। इन सबसे आपको 100% result नहीं मिलेगा। आपको अपना patience level बढ़ाना होगा और साथ ही सभी तरह की negativity से दूर रहना पड़ेगा। आपको इसके लिए किसी therapy centre की मदद लेनी चाहिए और अपने बच्चे के therapy करवानी चाहिए। therapy में भी बच्चे का बेहेवियर कभी normal या कभी aggressive हो जाता है, तो इससे आपको घबराने की जरूरत नहीं है। therapy के चलते अगर आपको कोई ये बोलदे के 3 महीने हो गये या 4 महीने हो गये बच्चे में कोई improvement तो नहीं है, तो इन बातों से आपको tension लेने की जरूरत नहीं है, आपको पता है कल आपका बच्चा क्या था आज आपका बच्चा क्या है।
We hate spam too.