

भावनाये (emotions) क्यों जरूरी हैं ? आखिर बच्चो को भावनाये की क्यों जरूरत हैं ? अक्सर आपने सुना होगा बच्चे प्यार के भूखे होते हैं। बच्चे के शारीरिकphysical और मानसिक mental विकास growth में माता-पिता की अहम भूमिका होती है। माता-पिता अपने बच्चे का आधार pillar है। वे सभी बुनियादी basic जरूरतों के लिए जिम्मेदार हैं। माता-पिता प्यार, सहारा , देखभाल, ध्यान और मार्गदर्शन guidance देते हैं। वे स्वस्थ और अच्छे जीवन के लिए समाज society और परिवार के अनुशासन discipline और नियमो rules को सिखाते हैं। यदि आप बच्चा पैदा करने का फैसला करने जा रहे हैं तो आपको अपने बच्चे की सभी बुनियादी basic और भावनात्मक emotional जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी लेनी होगी। ज्यादातर माता-पिता पांच बुनियादी basic जरूरतों को पूरा करते हैं जो कपड़े, नींद, भोजन, पानी और घर हैं लेकिन वे भावनात्मक जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह उनका सारा दिन काम में लगे रहना या घर के माहौल को लेकर परेशान रहना लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों के लिए बुनियादी basic और भावनात्मक ज़रूरतें emotional needs क्या हैं? BASIC NEEDS FOR CHILDREN 1. FOOD 2.SHELTER 3.CLOTHES EMOTIONAL NEEDS FOR CHILDREN 1. LOVE 2. CARE 3. SUPPORT 4. SAFETY भावनात्मक (emotional) जरूरतें रिश्तो में मुख्य भूमिका निभाती हैं। भावनाये emotions माता-पिता-बच्चे के रिश्ते, मां-बच्चे के रिश्ते और परिवार के सभी सदस्यों के बंधन bond को मजबूत करने के लिए जरुरी होता हैं। यदि मूलभूत basic आवश्यकताओं के साथ-साथ भावनात्मक emotional जरूरतों को पूरा जाए तो बच्चा भावनात्मक और शारीरिक रूप से सही ढंग से विकसित होता है।भावनात्मक emotional और बुनियादी (basic) जरूरतें एक साथ पूरी होनी चाहिए क्योंकि ज्यादातर माता-पिता आते हैं और पूछते हैं कि उनके बच्चों को बोलने में दिक्कत क्यों होती हैं और क्यों उनके बच्चे एक ही काम को बार-बार करते रहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि माता-पिता सभी बुनियादी (basic) जरूरतों को पूरा करने में काफी सफल हो जाते हैं लेकिन भावनात्मक जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं। आजकल बच्चों में आटिज्म बढ़ता ही जा रहा हैं। जिसका असर बच्चे के सामाजिक और पारवारिक जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं और भविष्य के लिए बच्चे का जीवन पर असर होता हैं। जीवन के हर पहलु में हर एक बच्चे की पाँच आवश्यक आवश्यकताएँ होती हैं। सभी जरूरतों में ज्यादातर भावनात्मक जरूरतें (emotional needs) शामिल होती हैं। इसलिए भावनाएं बेहतर संबंध (relation) बनाती हैं और और इन्ही इमोशंस के साथ हम एक दूसरे से बातचीत करते है और जरूरतों को पूरा करते हैं। बच्चा माता या पिता के सामने को बोलने से डरता हैं। मान लीजिये आपके बच्चे ने झूठ बोला है की वो आज स्कूल गया था लेकिन वो आज स्कूल नहीं गया था। आज वो अपने किसी दोस्त के घर मूवी (movie) देखने गया था और सारा दिन वहा रहा लेकिन जब उसकी माँ को ये बात पता चलती है तो वो उसके घर आने पर उस पर गुस्सा होती है जिस से बच्चा डर जाता है और अपनी भावनाओ को अपने मन में दबा कररखता हैं और आगे जिंदगी में रिश्तो के बीच प्यार की कमी हो सकती हैं। अगर माँ-पिता के लिए प्यार अगर एक बार के लिए हट गया तो धीरे- धीरे प्यार खत्म होता जाता हैं और बच्चे का दिमाग ठीक तरह से विकसित नहीं होता। तो बेहतर यह ही होगा की अपने बच्चों के साथ प्यार से रहे और जितना प्यार देंगे वे उतना आपको समझेंगे। प्यार से ही सब कुछ ठीक हो जायेगा।
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