

Autism बच्चे unnecessarily क्यों हंसते या रोते है? आज हम आपको बताएंगे कि autism बच्चे बेवजह क्यों हँसते या रोते है। आमतोर पर अगर हम उदास होते है या हमारे साथ कुछ ऐसा होता है जो हम नहीं चाहते थे, या हमे कोई पुरानी घटना याद आ जाए तो कभी कभी ऐसी चीज़ो के लिए हमे रोना भी आ जाता है। कभी कभी हम पुरानी यादों में, खुशी के पलों में या किसी ने कोई joke सुनाया या किसी के साथ बातें करते हुए कोई ऐसी बात हो जाते है जिससे के हम हसने लग जाते है। कहाँ रोना आता है कहाँ हसना है, यह सब depend करता है हमारी communication पे। किसी के साथ communicate करके हमे कब हसना है, कब रोना है, कब उदास होना, कब खुश होना है ये सब हमारी cognitive skill होती है। पर जब हम बात करते है किसी autism बच्चे की तो उनको इतनी समझ नहीं होती है, कि कहाँ हँसना है कहाँ रोना है या कहाँ उदास होना है, तो autistic बच्चों की cognitive skill इतनी नहीं होती के वह किसी बात या किसी emotions को समझे, और उस पर react करे। हंसना क्या होता है रोना क्या होता इनको किसी भी emotion की समझ नहीं होती है। ऐसा नहीं है कि autism बच्चे का दिमाग़ नहीं होता है, उनका दिमाग़ आम बच्चों जैसा हि होता है पर जो cognition होता है कि जैसे बच्चे जो चोट लग गई तो रोने की बजाए हसने लग जाना या उसके मम्मी या पापा उसके लिए कुछ नया लेकर आए है तो खुश होने की बजाए रोने लग जाना।
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