

Autism therapy near me Autism treatment near me Speech therapy near me Occupational therapy near me What is a ASD? ASD को autism spectrum disorder कहते है। ये Greek word AUTO से लिया गया है। इसमें Auto का मतलब है self. जिसको भी ASD होगा वो व्यक्ति हमेशा खुद में ही खोया हुआ होता है। वो कभी भी दुसरो के साथ घुलता मिलता नही। ASD की तकलीफ lifelong होती है। लेकिन किसी किसी मे इसको recover भी किया जा सकता है। ये एक Neurological disorder है। इससे पहले autism को schizophrenia कहा जाता था। swish psychiatrist जिनका नाम Paul Eugen Bleuler उन्होंने schizophrenia को autism का नाम दिया था। लेकिन schizophrenia और autism में काफी फर्क होता । Types of autism:- ASPERGER SYNDROME :- इसे Geek syndrome भी कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति को ये syndrome हो तो ऐसा हो सकता है की वो व्यक्ति intelligent हो और अपने रोजाना के का खुद करता हो। जैसे की एक आम इंसान करता है । लेकिन इनको communication की समस्या होती है। ये सामाजिक व्यवहार सही से नही कर पाते। इनके चेहरे पर बहुत कम Expression आते है। अगर देखा जाए तो ये किसी बात को सुन लेते है कभी कभी बोल भी देते है लेकिन face expression नही देते जैसे एक आम इंसान देता है। जैसे की रोने वाली बात पर दुखी होजाने का expression etc.... ये एक ही काम को बार बार करते है। इनकी इस आदत में उनको किसी भी प्रकार का change पसंद नही होता। इनके अंदर clumsiness होता है। इनका interest हर किसी चीज मे नही बनता लेकिन अगर किसी में बन जाए तो उसी चीज मे बना रहेगा। PERVASIVE SYNDROME :- इसमें देखा गया है की यदि ये syndrome किसी को है तो उस person की development बहुत धीरे धीरे होती है। चाहे वो social development हो या communication development हो। ऐसे person confuse रहते है। उनके आस पास क्या और क्यु? हो रहा है इनको नही समझ आता। इनमे imagination की power बहुत कम होती है। RETT SYNDROME :- आम तोर पर देखा गया है की ये syndrome सिर्फ लड़कियो में ही होती है। इसमें उनको भी communication में problem होती है । इसमें होता ये है की जब बच्चा 6 साल का हो जाता है तब उसके बाद इसके लक्षण देखने को मिलते है। ये अपना हाथ नही टिकाते, teeth grinding, और इनकी growth बहुत धीरे धीरे होती है। CHILDHOOD DISINTEARATIVES SYNDROME :- इसमें 2 साल तक बच्चों का development normal बच्चे के जैसा ही होता है। 2 साल की उम्र के बाद ऐसा हो सकता है की ये कुछ नया ना सिख पाए या जो इन्होंने सिखा हुआ है उसे भी भूल जाए। इनको एक ही काम बार बार करने की आदत होती है। हो सकता है ऐसे बच्चे आगे जाकर self care करना बंद करदे। जैसे की खुद से खाना, खुद से सोना, खुद से खेलना आदि। AUTISTIC DISORDER :- इसको channers disorder भी कहा जाता है। ये disorder बाकी बाकी syndrome के मुकाबले में थोड़ा जटिल होता है। इसमें बच्चा किसी से बात चीत नही करता। इसमें बच्चा touching, sounds, lights को लेके बहुत sensitive होता है। वो अपने नाम पर response नही करता। eye contact नही बना पाता।
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