

autism कोई बीमारी नहीं है, यह एक तरह का disorder है जिसके symptom बच्चे के 6 से 8 months में होते-होत् नजर आने लगते है। कई बच्चो में autism के कुछ हि symptoms नज़र आते हें और कई बच्चो में बहुत हि ज्यादा। ऐसे बच्चे नॉर्मल बच्चो क comparison abnormal होते है। अभी तक autism के होने का कोई कारण नहीं पटा चल पाया है। कुछ बच्चो में इसके symptoms जल्दी पता चल जाते है और कुछ बच्चो में देरी से। autism के बहुत से symptoms हो सकते है। जैसे की eye contact ना करना, repetitive behavior, खाना खाने का अजीब ढंग, बेवजह रोना, चिलाना या हंसना, पैर उठा कर चलना, socially adjustment का ना होना, आदि जैसे और ब कई abnormal symptoms होते हें जो normal बच्चो में नहीं दिखाई देते हें। ऐसे बच्चों को जितनी जल्दी हो सके diagnosis करवाए। डॉक्टर के कहे अनुसार therapies भी करवाए। क्यूंकि अगर आप doctor के कहे मुताबिक therapies नहीं करवाते हें और यह सोचते हें कि बच्चा अभी छोटा है जैसे जैसे बड़ा होगा तो ठीक हो जाएगा। नहीं ऐसा नहीं होता है, ऐसा करके आप अपने बच्चे की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हें। ऐसे बचे खुद से ठीक नहीं होते हें, इनके लिए आपको therapy ही करवानी चाहिए।
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