

कई बच्चे ऐसे होते हैं जो अपनी age के according अच्छा grow करते हैं, पर speech के मामले में पीछे रह जाते हैं। Speech and language ही एक जरिया है जिससे हम अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकते हैं। Speech से ही हम आपके मन की बातें किसी से शेयर कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ बच्चों को speech therapy की जरूरत होती है। Speech therapy की जरूरत adults को भी पड़ती है। Speech therapy की need उन बच्चों को सबसे ज्यादा होती है जिनको बचपन से ही कम सुनाई देता है क्योंकि जब तक सुनेंगे नहीं तो बोलेंगे, बोलेंगे नहीं तो अपने मन की बात आपको इशारे में समझाएंगे। अब आप यह जानना चाहेंगे कि speech therapy में आखिर होता क्या है। यह सब depend करता है age पर, अगर किसी बच्चे की speech therapy हो रही है तो उस में therapy के दौरान उस के साथ play activities करते करते speech, language and command follow करना सिखाया जाता है। और जब किसी adults की therapy होनी हो तो उसके साथ oral motor exercise और word की pronunciation सिखाई जाती है । speech, language and communication यह सब स्पीच therapy का ही part होते हें। इस में बच्चे बोलने के साथ साथ language and command following भी सीखते हें
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